This was first effort of Amrita Vidhya- Education for immortality,Society in association with St.Peters College,Agra.
Mr Ajay Veer Singh talked on ” Nationalism beyond Politics and Role of Indian Constitution with regard to Citizens duty”. It was well attended and liked well.
Main points which were talked and discussed-
- Nationalism starts from within.
- Let your Nationalism decide Politics and not Politics decide Nationalism.
- Mr.Ajay Veer Singh informed about formation of Country and its effect.
- Lot of questions were asked and clarifications provided.
राष्ट्रभक्ति एक स्वभाविक बृत्ती है ,जिसे प्रभावित करने की भरपूर कोशिशें हमेशा की जाती रही हैं किन्तु यदाकदा तत्कालिक प्रतिकूलता वाली कुछ घटनाये अपवाद स्वरूप भले ही हुई हों हो भारत के नागरिकों में हमेशा इसके प्रति जज्बाती प्रतिबद्धता रही है, यह कहनाहै सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अजय वीर सिंह जैन का।
श्रीजैन जो कि अमृत विद्या एजूकेशन फार इमार्टलिटी सोसायटी के द्वारा सेंटपीटर्स कॉलेज में आयोजित सेमीनार को सम्बोधित कर रहे थे ,ने कहा कि भारतीयों में राष्ट्रीय भावना हमेशाबलबतीरही है किन्तु इसके वर्तमान में चल रहे चरण की शुरूआत उस दिन हुई जब कि महात्मा गांधी को रंगभेद मानने वाले अंग्रेज के कहने पर अफ्रीका में रेलगाडी से नीचेउतार दिया गया था। उन्होंने कहा कि देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम भले ही देश की आजादी के लिये नहीं लछर गया हो किन्तु अंग्रेजो को भारत से निकाल बाहर करने की भूमिका इसी से शुरू हुई।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भावना को सबसेअधिक चोट उस समय पहुंचती है जबकि अपने फायदे के लिये निहित स्वार्थी तत्व या मौका परस्त ताकते धर्म,क्षेत्रवाद, भाषावाद और राजनैतिक विचारधाराओं से जोडने की कोशिश करने लगती हैं।बाजारवाद से प्रेरित प्रक्रियायें नागरिक सोच को प्रभावित करने लगती हैं। उन्होंने कहा कि बाजारवाद के माध्यम से चीन सबसे ज्यादा भारत की उत्पादन प्रक्रियाओं को प्रभावित कर रहा है। उग्र बामपंथी तत्व विचारधारा के आधार पर अराजकताके हालात तक उत्पन्न करदेने में संकोच नहीं कर रहे।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की तरह ही स्वमी विवेकानन्द, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने भी
राष्ट्रीय विचारधारा को अपने अपने तरीके से प्रबल किया।उन्हों ने कहा कि मौजूदा दौर अत्यंत चुनौती वाला है,देश की मजबूती के लिये राष्ट्रीय भावना को प्रबल बनाये रखना है और इस पर होने वाले किसी भी हमले के प्रयास का जमकर मुकाबला करना है।
आगरा की सोशल एक्टिविस्ट सुश्री फातिमा खान के द्वारा मुस्लिमों की देशभक्ति पर लगाये जाते रहे प्रश्न चिन्हों के सीधे सपाट प्रश्न के उत्तर में कहा कि हो सकता है कि अपवाद स्वरूप कुछ मामले घटे हो ं किन्तु आम देशवासी राष्ट्रीय भावना को मजहब के आयेने से नहींदेखता।यही नहीं इस प्रकारकीकुचेष्टाये करने वालों को कभी कामयाबी नहीं मिलती।‘राष्ट्रयता मेरा दायित्व ‘अभियान के को-कॉडीनेटर विकास सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय भावनाओं को बलबती रखने की जरूरत अब पहलेसे कही अधिक है, बहुतसी निहित स्वार्थी ताकते राष्ट्रभक्ति कमजोर कर देश को कमजर ही नहीं तोडने तक के मंसूबे रखतीहैं।
रानी सरोज गौरिहार, सेंटजोंस कॉलेज के पूर्व इतिहास विभागाध्यक्ष डा आर सी शर्मा, जलाधिकार के अवधेश उपाध्याय, ओम सेठ, राजेश कुमार ,श्रीमती वत्सला प्रभाकर ,भुवनेश श्रोत्रिय ,असलम सलीमी आदि सहित एक दर्जन से अधिक वक्ताओं की कार्यक्रम में सहभागिता रही।कार्यक्रम के प्रारंभमें सेंटपीटर्स कॉलेज के प्रधानाचार्य फादर पॉल थॉनिकल ने कार्यक्रम का शुभारंरंभ करते हुए मुख्यतिथि का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय भावना को प्रवल बनाये रखने का आह्वान किया। देश की मजबूती के राष्ट्रीय राष्ट्रीय भावना के साथ ही नागरिकों का चरित्र भी उच्च कोटिका होना चाहिये। कार्यक्रम का संचालन अमृत विद्या –एजूकेशन फार इममोरटलिटी सोसायटी के सैकेट्री अनिल शर्मा ने किया जबकि अध्यक्ष राजीव सक्सेना ने आभार जताया।